Suhani, Sneha
वो उस सुहानी सी चिरईंया जैसे
नेहा मै दुबि हुई,
कोन उस के इस रूप से
स्नेह करने से बच सकता है,
वो छोटी सी चिड़ि जो
अपनी मधुर बोल से पूरा आँगन
भर देती है
कभी कहानियाँ तो कभी कविताएँ गाती है,
और जब कोइ नही होता है आस पास तोअ
अपने अंदर की बातें भी गातीक
भी कोई रूप में ढ़ल जाती तो
कभी कोई रुप में।
Sneha
A.V
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